ऐसा तुमने क्या कर लिया।

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की ऐसा तुमने क्या कर लिया कि हर बात पे जवाब मांग रहे हो।

की ऐसा तुमने क्या कर लिया कि हर बात पे हिसाब मांग रहे हो।

की ऐसा तुमने क्या कर लिया कि हर बात पे अधिकार मांग रहे हो।

की ऐसा तुमने क्या कर लिया कि हर बात पे बदलाव मांग रहे हो।

क्या हम पढ़े नहीं, क्या हमें अधिकारों की समझ नहीं।

एक समाज चलता है फर्जों से, ये तुम कैसा फर्ज निभा रहे हो।

दिया ही क्या है हमने अपने मुल्क को, जो इतना ज्ञान झाड़ रहे हो।

सुन लो कान खोल कर तुम्हें देश की चिंता है अगर,

बस कर, बस कर, बस कर।

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Ashish Malhotra
Ashish Malhotra

Written by Ashish Malhotra

कलाम: संगीत ए दिल

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