मैं बहकने वाला नहीं

Ashish Malhotra
1 min readJul 26, 2020

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क्यूं बहका रहे हो, मैं बहकने वाला नहीं।

ये हिन्दू मुस्लिम का भेद घर घर फैला रहे हो, क्या पूरा दिन तुम्हारे पास कोई और खबर नहीं। मैं बहकने वाला नहीं।

बात ये इतनी बड़ती नहीं, ये तुमने बड़ाई है। आग लोगों के घर लगती नहीं, ये तुमने लगाई है। ये तुम कैसी टी र पी कमा रहे हो। तुम सिर्फ बहका रहे हो, पर मैं बहकने वाला नहीं।

अपने स्टूडीयो से जो तुम लोगों को दिखा रहे हो, सिर्फ नफरत और नफरत की खबरें उड़ा रहे हो।

क्यूं नहीं बताते तुम विकास की, क्यूं नहीं बताते तुम समाधान की। क्यूं हर वक्त एक ही बात पे दो घुटों को भिड़ा रहे हो।

क्यूं बहका रहे हो, मैं बहकने वाला नहीं।

हम इस देश में रहकर भी इस देश की खूबसूरती ना जान पाए, क्यूं की तुम अपना काम ठीक से ना निभा पाए। क्यूं बहका रहे हो, मैं बहकने वाला नहीं।

धन्यवाद पड़ने वालों का।

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Ashish Malhotra
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Written by Ashish Malhotra

कलाम: संगीत ए दिल

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